Xxx Sister Fuck Kahani
इस सच्ची Xxx सिस्टर फक कहानी में पढ़ें कि मैं अपनी बुआ की बेटी को चोदना चाहता था पर desi crossdresser bottom gay hindi sex story down उसने मना कर दिया. फिर उसकी शादी के बाद मैंने उसे चोदा और उसकी प्यास बुझाई.
मेरा नाम राज है. मैं राजस्थान का रहने वाला हूं.
मेरी उम्र अब 24 साल है.
मेरे परिवार में मेरे पापा मम्मी और मेरी पापा की एक बहन यानि मेरी बुआ हैं.
मेरी बुआ उम्र में पापा से काफी बड़ी है.
बुआ के चार लड़के और एक लड़की हैं. बुआ की लड़की मेरी ही उम्र की है.
इस सेक्स कहानी की शुरूआत कुछ 5 साल पहले हुई थी.
बुआ की लड़की का नाम निकिता है और उसको पढ़ाई करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी.
यह Xxx सिस्टर फक कहानी इसी निकिता की है. Antarvasna hindi sex stories
जब मेरी बुआ हमारे घर आतीं तो वे निकिता को भी अपने साथ ले आतीं.
मैंने कई बार उसको बताने की कोशिश की कि मैं उससे प्यार करता हूँ, पर मैं कभी नहीं बता सका.
एक बार हमारे घर पर कोई नहीं था. मेरे पापा और बुआ बाजार गए थे व मम्मी खेत पर गयी थीं.
वे खेत के कुछ काम करवाने के लिए गई थीं.
मैं और निकिता घर पर अकेले थे.
वह अपनी जवानी में एकदम खिल चुकी थी तो मेरे मन में अब उसके लिए काफी गंदे ख्याल आने लगे थे.
उसके स्तनों का आकार अब और बड़ा हो चला था.
शायद वह खुद ही अपने दूध मसलती थी.
उसकी फिगर का साइज 32-28-34 का हो गया था. उसको देख कर मेरा मन उसे चोदने का करता, पर मैं उससे यह कहने में डरता था कि वह कहीं मेरे पापा से ना बोल दे.
मैं बस उसको देख देख कर मुठ मार लेता और अपनी प्यास बुझा लेता.
अब तक मैंने निकिता को चोदने के कई प्रयास किए थे, पर मैं सफल नहीं हो सका था.
आज मैंने ठान लिया था कि आज उसको चोद कर ही रहूँगा.
निकिता खाना आदि खाकर दोपहर में सो रही थी.
उसके मस्त बोबे देख कर मेरा मूड बन गया और उसी के पास लेट गया.
मैं उसके बूब्स पर हाथ फेरने लगा और हल्के हल्के दबा भी रहा था.
इससे निकिता जाग उठी और उसने मुझे वह सब करते देख लिया.
वह घबराने लगी और मुझसे दूर हो गयी.
मेरी फट कर हाथ में आ गयी.
वह बोली- राज भाई, ये सब गलत है.
मैं उससे माफी मांगने लगा कि वह किसी से ना कहे.
बहुत देर गिड़गिड़ाने के बाद उसने कहा- ठीक है, मैं यह बात भूल जाती हूँ और तुमसे भी अब कभी बात नहीं करूँगी.
उस समय के बाद मेरा और निकिता का बोलना बंद हो गया था.
कुछ समय बाद निकिता की शादी तय हो गयी पर मैं उसकी शादी में नहीं गया क्योंकि हम दोनों आपस में बात नहीं किया करते थे.
उसकी शादी 2018 में हो गई थी.
उसके बाद से हमारा मिलना भी अब कम हो गया था और मैं अपनी पढ़ाई में व्यस्त हो गया.
कभी मन करता, तो मैं निकिता को याद करके अपने 7 इंच के लंड को हिला कर शांत कर लेता.
यूं ही समय बीतता गया.
कुछ समय के बाद हमारे घर पर फोन आया कि निकिता को लड़की हुई है.
उसके घर बच्ची ने जन्म लिया है, यह जानकर सब खुश थे कि अच्छा हुआ.
उसको यह लड़की एक बड़े ऑपरेशन से पैदा हुई थी.
उस वजह से निकिता और बच्ची की जान को काफी खतरा हो गया था.
फिर भी हमारे बीच बात चालू नहीं हुई.
न जाने क्यों मैं अब उससे और अधिक प्यार करने लगा था.
इसी तरह से कुछ और समय बीता.
बुआ के सबसे बड़े लड़के का पुत्र की शादी भी तय हो गई.
जब शादी का समय आया तो सब लोग शादी में गए.
उस शादी में खेतों में काम के कारण मुझे जाने के लिए मना कर दिया गया था, पर मेरा भी मन था.
मुझे पता था कि निकिता भी आएगी. उससे बात नहीं होगी तो क्या हुआ, मैं उसको देख तो लूंगा.
पर मेरा सपना पूरा नहीं होने दिया गया.
पापा मम्मी शादी में गए.
मेरा मन यहां निकिता के ख्याल में खोया हुआ था कि निकिता अब कैसी दिखती होगी.
निकिता को देखे मुझे काफी समय हो गया था.
पर मैं अपने घर पर ही रह कर उसको याद करता रहा और मुठ मार कर खुद को शांत कर लेता रहा.
शादी के पाँच दिन बाद पापा मम्मी वापस घर आ गए.
मैंने मम्मी से पूछा कि कौन कौन आया था, तो मम्मी बताने लगीं.
वह बोलीं कि निकिता भी आयी थी और अब तो वह पहले से भी ज्यादा सुंदर और काफी भर गई है.
उसके बारे में सुन सुन कर और मेरा मन और बेचैन हो रहा था, पर कोई नहीं.
कुछ दिन बाद मेरे पास फोन आया.
मैंने देखा.
कोई नया नंबर था.
मैंने कॉल को रिसीव किया तो उधर से एक लड़की की आवाज आयी.
मैंने पूछा- कौन?
वह बोली- मैं निकिता.
मेरे तो होश ही उड़ गए.
इतने साल बाद निकिता ने खुद ने मेरे पास कॉल की.
मैंने बात की, तो बोली- क्या हो रहा
न्यू हिंदी Xxx भाभी चुदाई का मजा मैंने लिया अपने पड़ोस की सेक्सी भाभी को पटाकर! इस आशिकी के चक्कर में मेरी एक बार पिटाई भी हो गयी थी.
कहानी के पहले भाग
गर्म देसी भाभी से प्यार का इजहार
में अपने पढ़ा कि मैंने अपने पड़ोस की एक भाभी को चोदना चाहता था. मैंने भाभी को सेट भी करलिया था और चुदाई की बात भी तय हो चुकी थी.
अब आगे न्यू हिंदी Xxx भाभी चुदाई:
अगले दिन भाभी ने मुझे बता दिया कि रात के 10:00 बजे आ जाना।
बड़ी बेसब्री से मैंने रात होने का इंतजार किया।
रात को 10:00 बजे मैं भाभी के घर की दीवार को फांद कर चुपके से भाभी के कमरे की तरफ जो कि ऊपर था वहां पर पहुंच गया।
सावधानी से मैंने दरवाजा खोला।
मैंने देखा रचना भाभी बेड पर लेटी हुई थी।
जैसे ही हमारी नजरें मिली, भाभी ने एकदम कहा- 2 मिनट बाद आना!
मैं 2 मिनट के बाद अंदर गया तो देखा कि भाभी ने घूंघट किया हुआ था और बेड पर बैठी थी।
मैंने दरवाजे की कुंडी लगा दी।
मैं कांपती टांगों से भाभी के बेड पर चला गया.
मैंने देखा भाभी ने ब्लैक कलर का पटियाला सलवार सूट पहना हुआ था।
भाभी ने अपने हाथों में काले रंग की चूड़ियां से अपनी कलाइयों को भर रखा था।
उन्होंने अपने पांव में पाजेब डाल रखी थी।
मैं भाभी के पास बैठ गया, भाभी के घूंघट के अंदर झांकने लगा.
भाभी ने एक बार मेरी तरफ देखा, मुस्कुराई और अपनी गर्दन नीचे कर ली।
तब मैं भाभी के बिल्कुल पास बैठा था।
भाभी बोली- देवर जी, मुझे मेरा मुंह दिखाई चाहिए।
मेरे पास भाभी को देने के लिए कुछ नहीं था तो मैंने कहा- मेरे पास तो कुछ भी नहीं है देने को!
भाभी मुस्कुरा कर बोली- जी, मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए, बस आपका प्यार चाहिए.
इतना कहते ही मैंने भाभी को अपनी बाहों में भर लिया।
मेरा एक हाथ भाभी के के चूतड़ों के पास था।
भाभी के मस्त मोटे मोटे चूतड़ों को मेरी उंगलियां छू रही थी।
मैंने भाभी को अपनी बाहों में भर लिया।
भाभी के मोटे मोटे उरोज मेरी छाती से लग रहे थे।
मैंने एक हाथ भाभी के चूतड़ों पर रख दिया, उन्होंने दबाने लगा.
भाभी सीसी करने लगी।
मैं भाभी के मोटे मोटे चूतड़ों को सहलाने की बजाय उनको फुटबॉल की तरह दबा रहा था।
भाभी को नशा सा हो रहा था- उफ्फ देवर जी … ऐसे ना छेड़ो … आई उफ्फ!
वे मेरी बांहों में छटपटा रही थी।
इस छटपटाहट में मेरा मोटा तना हुआ लौड़ा भाभी के हाथ से लग रहा था।
या यूं कहूं कि भाभी जानबूझ के मेरे लौड़े से खेल रही थी।
भाभी बोली- उफ्फ मोटा है देवर जी! नही … मेरी लाडो फट जाएगी।
मैंने भाभी के हाथ को पकड़ कर अपने तने हुए लौड़े पे रख दिया।
भाभी ने झट से किसी डंडे की तरह मेरे लौड़े को पकड़ लिया और अपनी आंखें बंद करके gay hindi sex story लौड़े को सहलाने लगी।
मैं जल्द से जल्द भाभी की सलवार खोलना चाहता था।
भाभी के मोटे और कसे हुए चूतड़ों का कब से दीवाना था मैं!
मैंने एक उंगली भाभी के लटकते हुए नाड़े में फंसाई और एक ही झटके में भाभी की काली सलवार का नाड़ा खोल दिया।
सलवार अपने आप भाभी की चिकनी चौड़ी फैली हुई गांड से फिसल कर नीचे सरक गई।
अब भाभी के सुडौल चूतड़ों पे मात्र काली छोटी सी पैंटी बची थी।
मैं पागलों की तरह भाभी के मोटे दूधिया या ये कहूं लालिमा लिए हुए पुष्ट कूल्हों को काली कसी हुई पैंटी में निहार रहा था।
मैंने कांपते हाथों से भाभी की चिकनी गांड को छुआ तो मेरे हाथ अपने आप फिसल कर नीचे पैंटी से टकरा गए।
मेरी हालत को देख कर भाभी ने मेरे लन्ड पर अपनी पकड़ मजबूत कर दी और जोर जोर से उसको सहलाने लगी।
मैंने भाभी के कमोज को उतारने के लिए इशारा किया तो भाभी मुस्करा दी और खुद अपना सूट उतार दिया।
अब भाभी मात्र काली डिजाइनर ब्रा और पैंटी में थी।
मैं भाभी को देख कर पागल सा हो गया था।
भाभी का मंगलसूत्र भाभी की 36 साइज की गोरी तनी हुई चूचियों में फंसा हुआ था।
उन्होंने आज मेरी फरमाइश पर लाल की बजाय काले रंग की चूड़ियां को अपनी कोहनियों तक डाला हुआ था।
भाभी की पतली नागिन सी बल खाती हुई कमर पर चांदी की घुंगरुओं वाली तागड़ी थी जो भाभी के थोड़ा सा भी हिलने पर आवाज कर रही थी।
नीचे भाभी ने पांवों में पायल पहनी हुई थी।
भाभी के आगे रंभा, उर्वशी, मेनका जैसी स्वर्ग लोक को अप्सरा भी फीकी पड़ जाएं भाभी का रूप और यौवन देख कर!
उनके चेहरे पे
कुलीग लड़की ने अकेलापन दूर करने का रास्ता दिखाया
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हॉट ऑफिस गर्ल सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे ब्रेकअप के बाद मैं अकेला और चिड़चिड़ा रहने लगा। मेरे ऑफिस की लड़की ने मेरी हालत देखी तो वह समझ गयी। उसने मुझे अपने घर बुलाया और …
दोस्तो, मेरा नाम आशिक़ है और मैं 24 साल का हूं।
यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है।
जब ब्रेकअप के बाद मेरा दिल बुरी तरह से टूटा हुआ था, यह हॉट ऑफिस गर्ल सेक्स कहानी तब की है।
उस वक्त मैं बहुत ही अकेला महसूस करता था और हर वक्त बस मन में उदासी छायी रहती थी।
मैं चाहे किसी भी औरत को देखूं, लगता था कि कोई मेरे करीब नहीं आएगी, और मैं कभी उसे नहीं पा सकूंगा।
इस कारण मैं बहुत बेचैन रहने लगा था, कोई नहीं थी जिंदगी में, जो मेरे भटकते मन को थाम सके।
पोर्न फिल्में देखना भी मुझे अब ज्यादा भाता नहीं था।
मैं बेहद बोर हो चुका था और कुछ ऐसा चाहता था जो मेरी जिंदगी की खोयी हुई रौनक फिर से लौटा दे।
मैंने कई सारी डेटिंग ऐप्स गुलामी hindi sex story पर कोशिश भी की लेकिन कहीं कुछ हाथ नहीं लगा।
समय मेरे सब्र का कड़ा इम्तिहान ले रहा था।
ऑफिस में काम पर भी मैं चिड़चिड़ा रहने लगा था, मेरे सहयोगी भी ये बात अच्छी तरह नोटिस करने लगे थे।
ऐसी मेरी एक ऑफिस कुलीग थी जैस्मीन।
एक दिन वह मेरे पास आई और पूछने लगी- क्या हो गया है तुम्हें?
फिर हम लंच ब्रेक में ऑफिस के पीछे वाली सीढ़ियों पर जाकर बैठ गए।
वहां पर केवल लोग सिगरेट फूंकने ही आते थे।
जैसमीन को मैंने अपने टूटे दिल का हाल सुना दिया।
उसे बताया कि कैसे मैं काम पर भी फोकस नहीं कर पा रहा हूं।
उसने मेरी बात अच्छे से सुनी.
लेकिन मेरा ध्यान कमबख्त उसकी क्लीवेज पर जाकर बार बार अटक रहा था।
चूचियों को ताड़ते हुए उसने भी मुझे देख लिया, फिर हाथ से मेरा चेहरा दूसरी तरफ घुमाते हुए उसने मेरी नजरें वहां से हटा दीं।
साथ ही वो हंस भी दी।
जैसमीन- तो इतने ज्यादा परेशान हो गए हो क्या तुम? ह्म्म?
मैं- सॉरी यार, मेरा वो मतलब नहीं था।
कहते हुए मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया.
जैसमीन ने एक नजर जल्दी से इधर उधर देखा और फिर मेरे करीब आते हुए मुझे किस कर लिया।
मैं एकदम से हैरान रह गया!
जैसमीन- ऐसे अचंभे से मत देखो!
इतने में हम दोनों के होंठ मिल गए और कुछ देर हम वहीं पर चिपके हुए चूसा-चाटी करते रहे।
किसिंग बड़ी जोरदार थी, दोनों के मुंह की लार एक दूसरे के मुंह में पहुंच रही थी।
फिर जल्दी से उसने मेरी टांगों के बीच में मुंह दे दिया।
मेरी पैंट की चेन खोली और लंड को बाहर निकाल लिया।
उसके होंठ मेरे लंड के बिल्कुल करीब थे और उसकी नाक की गर्म सांस मेरे लंड के फूले हुए टोपे पर मुझे महसूस हो रही थी।
उसने लंड हाथ में पकड़ कर एक नजर मेरी तरफ देखा और बोली- आज रात को मेरे घर आ जाना … तुम्हारे अकेलेपन का इलाज है मेरे पास!
अगले ही पल उसने लंड को मुंह में भर लिया और जोर जोर से चोपे मारने लगी।
मैं तो आनंद विभोर हो गया उसके गर्म मुंह की चुसाई से!
मेरी आह … आह की हल्की कामुक आवाज वहीं निकलना शुरू हो गई।
उधर वो भी प्यासी रंडी की तरह लंड को निगलने पर लगी हुई थी।
‘उम्म … उम्म … म्मम … मुच … पुच … मच’ की आवाजें करते हुए वो मेरे टोपे को जीभ से पुपलाते हुए पूरे लंड को मुंह में भर लेती थी।
उसके होंठ मेरे झांटों तक पहुंच जाते थे।
मेरे अंदर का हवसी मर्द अब आउट ऑफ कंट्रोल हो गया था।
मैंने उसके टॉप को नीचे खींचकर उसकी चूचियों को ऊपर से नंगी कर लिया।
मैं चूचियों को जोर जोर भींचने लगा।
इससे पहले मैं और आगे बढ़ता, हॉट ऑफिस गर्ल ने खुद ही पूरी चूची बाहर निकाल दी और मेरे लंड को जोर जोर से चूसती रही।
मैं इतने दिनों से सेक्स की आग को अंदर दबाए बैठाए था तो लंड भी ज्यादा देरे वासना के वेग को बर्दाश्त नहीं कर पाया।
मेरे माल उबल गया और जैसमीन मेरे लंड का कड़ापन भांप गई।
मैं छूटने लगा तो उसने एकदम से लंड बाहर निकाल दिया और मेरा वीर्य सीधे उसकी चूचियों पर गिरने लगा।
आह … आह … की कामुक आवाज मेरे मुंह से, और माल लंड से निकलता रहा.
शरीर में तीन-चार झटके लगे और जैसे तूफान सा आकर थम गया।
माल उसकी चूचियों की दरार पर से बहता हुआ अंदर गहरी घाटी में समा गया।
उसने डी-कप ब्रा पहनी थी और जल्दी से टॉप उसके ऊपर खींच दिया।
मैंने